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Class 12th (inter) Question Answer (इंटर का महत्पूर्ण प्रस्न)

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Class 12th (inter) Question
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Class 12th (inter) Question Answer (इंटर का महत्पूर्ण प्रस्न)

Q1. प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए आवश्यक शर्तों को लिखे

उत्तर :- पूर्ण आन्तरिक परावर्तन के लिए आवश्यक शर्त

(a) प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर गतिमान होना चाहिये।

(b) आपतन कोण का मान दिये गये माध्यमों के क्रांतिक कोण से अधिक होना चाहिये।

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Q2. आवृत्ति मॉडुलन को समझायें।

उत्तर :- आवृत्ति मॉडुलन : – यदि वाहक तरंग की आवृत्ति श्रव्य आवृत्ति तरंग के अनुसार परिवर्तित होती है तब इस मोडुलेशन को आवृत्ति मोडुलेशन कहते हैं।

Q3. ट्रांसफार्मर में ताम्र-क्षय को समझायें ।

उत्तर :- (ताम्र क्षय) : ट्रांसफॉर्मर के घेरों में होने वाली ऊर्जा हानि को ताम्रिक हानि कहते हैं। ट्रांसफार्मर की प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडलियाँ सामान्यतः ताँबे के तार की बनी होती है। यदि ताँबे के तार का प्रतिरोध (R) होता है। जब इन तारों से होकर धारा (I) प्रवाहित होती है तो शक्ति हानि (I2R) होती है। यह हानि प्राथमिक तथा द्वितीयक कुंडलियों में ऊष्मा उत्सर्जन के रूप में देखी जा सकती है।

Q4. सौर सेल को समझायें।

उतर :- सौर सेल (Solar cell) : वह P-N सन्धि डायोड जो प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है, सौर सेल कहा जाता है। इन सेलों को बड़े पैमाने पर उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर प्रकाश हेतु, सौर गीजरों तथा प्रक्षेपकों में किया जाता है।

सौर सेल प्रकाश विभव प्रक्रिया के सिद्धान्त पर कार्य करते हैं अर्थात् प्रकाश विद्युत उत्सर्जन किन्हीं उपयुक्त पदार्थों के बीच विभवान्तर उत्पन्न कर सकता है ।

Q5. बीटा (B) किरणों के दो गुणों को लिखें ।

उत्तर- B-किरणों के गुण :

(i) बीटा -कण एक तीव्रगामी इलेक्ट्रॉन होता है।

(ii) B-कण पर ऋणात्मक आवेश इलेक्ट्रॉन पर आवेश के बराबर होता है।

(iii) ये विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्रों में विक्षेपित हो जाते हैं।

Q6. N- प्रकार के अर्द्धचालक को समझायें।

उत्तर :- N-टाइप अर्धचालक- जब शुद्ध जर्मेनियम या सिलिकॉन क्रिस्टल में त्रिसंयोजी अशुद्धि मिलाई जाती है, तो हमें N-प्रकार का अर्धचालक प्राप्त होता है।

→ इसमें मुख्य आवेश इलेक्ट्रॉन होता है।

Q7. किसी सतह पर विद्युत फ्लक्स की परिभाषा दें।

उत्तर :- विद्युत फ्लक्स – विद्युत क्षेत्र में स्थित एक काल्पनिक पृष्ठ से सम्बद्ध विद्युत फ्लक्स उस पृष्ठ से होकर गुजरनेवाली विद्युत बल रेखाओं की संख्या की माप को कहते हैं। यह विद्युत क्षेत्र (E) तथा अल्पांश क्षेत्रफल (ds) का अदिश यी बिन्दु गुणनफल होता है। इसे 6 से सूचित किया जाता है।

Q8. चुम्बकीय विभव की परिभाषा दें।

उत्तर – चुम्बकीय विभव : – चुम्बकीय क्षेत्र अन्दर ईकाई उत्तरी ध्रुव को अनंत से किसी बिन्दु तक लाने में किये गये कार्य को चुम्बकीय विभव कहते हैं।
इसे V से सूचित किया जाता है ।

इसका SI मात्रक जूल /ऐम्पीयर मीटर होता है।

Q9. विद्युत अनुनाद को समझायें।

उत्तर- विद्युत अनुनाद : – यदि LCR श्रेणी परिपथ में किसी दी गई आवृत्ति की प्रत्यावर्ती सप्लाई के लिए धारितीय – प्रतिघात तथा प्रेरिंणक प्रतिघात का मान बराबर हो जाता है तो परिपथ में प्रवाहित धारा अधिकतम हो जाती है। इस स्थिति को विद्युतीय अनुनाद कहा जाता है।

Q10. चालक की धारिता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर :- चालक की धारिता : किसी चालक पर आवेश देने से उसका विभव बढ़ता है।

अतः किसी चालक की धारिता आवेश के बराबर होती है, जितना आवेश देने से उसका विभव इकाई से बढ़ जाता है।

इसका SI मात्रक कूलम्ब / वोल्ट या फैराडे होता है।

Q11. आवेश के आयतन घनत्व की परिभाषा दें। इसके S. I. मात्रक को लिखें।

उत्तर- आवेश का आयतन घनत्व किसी चालक के प्रति इकाई आयतन में जो आवेश रहता है उसे आवेश का आयतन घनत्व कहते हैं। इसे p से सूचित किया जाता है।

इसका S.I. मात्रक कूलम्ब/मी. 3 होता है।

Q12. अर्द्धचालक से आप क्या समझते हैं।

उत्तर- अर्द्धचालक उन पदार्थों को कहते हैं जिनकी विद्युत चालकता चालकों (जैसे ताँबा) से कम किन्तु अचालकों (जैसे कांच) से अधिक होती है।

जैसे- सिलिकॉन, जर्मेनियम, कैडमियम सल्फाइड इत्यादि अर्धचालक पदार्थ हैं।

Q13. द्वितीयक इन्द्रधनुष को समझायें।

उत्तर- द्वितीयक इन्द्रधनुष : बूँदों पर आपतित प्रकाश के दो बार अपवर्तन और दो बार पूर्ण आंतरिक परावर्त्तन के कारण इसका निर्माण होता है। द्वितीयक इन्द्रधनुष एक रंगीन बैंड है जिसके बाहर की ओर बैंगनी रंग तथा अंदर की ओर लाल रंग होता है। इन्द्रधनुष के बाहरी और आंतरिक किनारे इसकी अक्ष के साथ क्रमश: 54° और 51° के कोण बनाते हैं।

Q14. किसी स्थान पर के आभासी नमन कोण से आप क्या समझते हैं।

उत्तर – नमन कोण : चुम्बकीय नति या नमन कोण पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की कुल तीव्रता की दिशा तथा चुम्बकीय यामोत्तर में एक क्षैतिज रेखा के मध्य कोण है। यह कोण उस स्थान पर नमन कोण कहलाता है। इसका मान 0° से 90% तक परिवर्तित होता है। इसका मान पृथ्वी के ध्रुव पर 90° तथा भूमध्य रेखा पर शून्य होता है।

Q15. ब्रूस्टर का नियम लिखें।

उत्तर- ब्रूस्टर का नियम : इस नियम के अनुसार किसी माध्यम का अपवर्तनांक संख्यात्मक रूप से उसके ध्रुवण के tangent के समानुपाती होता है।

Q16. कार्बन प्रतिरोध के कलर कोड से आप क्या समझते हैं।

उत्तर- प्रतिरोधको का प्रतिरोध ऊपर बनी रंगीन पट्टियों द्वारा सूचित करने वाले कोड को ही कार्बन कलर कोड कहते हैं। इसमें चार पट्टियाँ रहती है जो क्रमशः दहाई, इकाई इसके घात एवं अशुद्धि का परास सूचित करती है।

Q17. प्रकाश के विवर्तन से आप क्या समझते हैं।

उत्तर- प्रकाश पुंज जब एक बाधा से बाधित होता है तब ज्यामितीय छावा क्षेत्र की ओर भी प्रकाश पहुँचने लगता है। इस घटना को विवर्तन कहा जाता है।

Q18. एक छड़ चुम्बक की अक्षीय स्थिति और निरक्षीय स्थिति को समझायें।

उत्तर :- अक्षीय स्थिति-जब कोई बिंदु जिस पर हमें चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता की गणना करनी होती है बढ़ाई गई चुंबकीय अक्ष पर स्थित होता है, तो इस बिंदु को दंड चुंबक के सापेक्ष अक्षीय स्थिति में कहा जाता

निरक्षीय स्थिति :- जब कोई विन्दु चुंबकीय द्विध्रुवीय की भूमध्य रेखा पर स्थित होता है, तब भूमध्यरेखा पर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, इसी स्थिति को निरक्षीय स्थिति कहते हैं।

Q19. विद्युत चुम्बकीय तरंग क्या है।

उत्तर :- विद्युत चुंबकीय तरंग एक त्रिविमीय तरंग है जो कि दोलित विद्युत परिपथ से उत्सर्जित होती है। उसमें विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर लंबवत तथा तरंग संचरण की दिशा के लंबवत दोलित होते हैं।

Q20. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर :- विद्युत क्षेत्र में किसी बिंदु पर रखे एकांक धन आवेश पर जितना • बल लगता है उसे उस बिंदु को विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं। जिसे E से सूचित किया जाता है।

Q21. उच्चायी ट्रांसफॉर्मर का उपयोग बतायें।

उत्तर :- उच्चायी ट्रांसफॉर्मर का उपयोग विभव स्तर (Voltage level) को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है, एक सर्किट (Circuit) से दूसरे सर्किट में।

Q22. फ्लेमिंग के बायें हाथ का नियम लिखें।

उत्तर- फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियमानुसार, जब हमारे बाएँ हाथ के अंगूठे, मध्यिका तथा तर्जनी को एक दूसरे के लंबवत् व्यवस्थित करते हैं तो तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा, (b) मध्यिका चालक में प्रवाहित विद्युत धारा (I) की दिशा को दर्शाता है तो अंगूठा चालक तार पर लगने वाले बल (f) की दिशा को व्यक्त करता है।

Q23. अर्द्धचालक क्या है।

उत्तर- अर्द्धचालक (Semi conductor) उन पदार्थों को कहते हैं जिनकी विद्युत चालकता चालकों (जैसे ताँबा ) से कम किन्तु अचालकों (जैसे कांच) से अधिक होती है।

जैसे- सिलिकॉन, जर्मेनियम, कैडमियम सल्फाइड इत्यादि अर्धचालक पदार्थ हैं।

Sanjay Kumar  के बारे में
Sanjay Kumar I Am Sanjay Kumar. I'm a blogger and content creator at https://technicalranjay.co/. I have experience in various fields including government jobs updates, government schemes, latest news updates, tech trends, and current events in different fields including sports, gaming, politics, government policies, finance, etc. Read More
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