Matric Bihar Board Questions बिहार बोर्ड मैट्रिक प्रश्न उत्तर सामाजिक विज्ञान में ।।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. भाखड़ा नंगल परियोजना किस नदी पर बनी है?
(A) महानदी (B) सतलज
(C) गोदावरी (D) कृष्णा
2. भारत का सबसे लंबा बाँध कौन-सा है?
(A) हीराकुंड बाँध (C) रिहन्द बाँध
(B) टिहरी बाँध (D) भाखड़ा नंगल बाँध
3. नर्मदा घाटी परियोजना किन राज्यों से संबंधित है?
(A) बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश
(B) तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक
(C) पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब
(D) गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश
4. प्रथम राष्ट्रीय जल नीति कब लागू हुई ?
(A) अगस्त, 1980
(B) जुलाई, 1985
(C) सितम्बर, 1987
(D) अक्टूबर, 1990
5. कृष्णाराज सागर बाँध किस नदी पर बना है?
(A) कृष्णा (B) नर्मदा
(C) कावेरी (D) रिहन्द
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. मृदु जल क्या होता है?
उत्तर- मृदु जल पीने योग्य मीठा जल होता है। इसमें लवण नहीं होता है तथा इसमें साबुन के साथ आसानी से झाग पैदा हो जाता है।
वन एवं वन्य प्राणी संसाधन
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. बाघ परियोजना की शुरुआत कब हुई?
(A) 1970 (B) 1973
(C) 1975 (D) 1978
2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?
(A) राजस्थान (B) उत्तर प्रदेश
(C) उत्तराखण्ड (D) असम
3. भारतीय वन्य जीव बोर्ड का गठन कब हुआ ?
(A) 1950 (B) 1952
(C) 1948 (D) 1954
4. आयुर्वेद के जनक कौन हैं?
(A) चरक (B) धन्वन्तरी
(C) पतंजलि (D) सुश्रुत
5. टेक्सोल का उपयोग होता है
(A) मलेरिया में (B) एड्स में
(C) कैंसर में (D) टी०बी०में
6. जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?
(A) उत्तराखण्ड (B) गुजरात
(D) उत्तर प्रदेश
7. भारत का सबसे छोटा जैव मंडल रिजर्व कौन-सा है?
(A) सुंदरवन (B) नन्दा देवी
(C) ग्रेट निकोबार (D) डिब्रु सैखोवा
8. क्यूनाईन का उपयोग होता है
(A) मलेरिया में (B) कैंसर में
(C) दर्द निर्वारण में (D) टी०बी० में
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जैव विविधता क्या है?
उत्तर- किसी विशेष क्षेत्र में उपस्थित एक सामुदायिक जातियों की संख्या एवं जातियों के अंतर्गत आनुवंशिक परिवर्तनशीलता की मात्रा उस क्षेत्र के समुदाय की जैव विविधता कहलाती है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. मैंगनीज उत्पादन में अग्रणी राज्य कौन है?
(A) ओडिशा (B) मध्य प्रदेश
(C) महाराष्ट्र (D) कर्नाटक
2. निम्न में से कौन लौह अयस्क का एक प्रकार है?
(A) लिग्नाइट (B) हेमाटाइट
(C) बिटुमिनस (D) इनमें से सभी
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. दो अधात्विक खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर- वैसे खनिज जिनमें धातु अंश का अभाव होता है और भंगुर प्रकृति के होते हैं, अधात्विक खनिज कहलाते हैं। डोलामाइट, हीरा, इत्यादि इसी के उदाहरण हैं।
2. खनिजों की विशेषताएँ बताइए। उत्तर- खनिज सभ्यता संस्कृति के आधारस्तंभ हैं। इसके बगैर उद्योगों का विकास नहीं किया जा सकता है। चट्टानों के निर्माण में इनकी भूमिका होती है। 2000 से भी अधिक खनिजों की पहचान हो चुकी है पर इनमें 30 खनिज का आर्थिक दृष्टि से विशेष महत्त्व है। धातु की उपलब्धता के आधार पर खनिज दो प्रकार के होते हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्न में से कौन भारत का पहला स्वदेशी प्रयास से बना परमाणु विद्युत केंद्र है?
(A) राणा प्रताप सागर परमाणु विद्युत केंद्र
(B) नरौरा परमाणु विद्युत केंद्र
(C) तारापुर परमाणु विद्युत केंद्र
(D) कलपक्कम परमाणु विद्युत केंद्र
2. हिमाचल प्रदेश के मणिकरण में किस प्रकार का ऊर्जा संयंत्र है।
(A) परमाणु ऊर्जा संयंत्र
(B) भूतापीय ऊर्जा संयंत्र
(C) ताप विद्युत ऊर्जा संयंत्र
(D) जल विद्युत ऊर्जा संयंत्र
3. प्राकृतिक गैस किस खनिज के साथ पाया जाता है?
(A) यूरेनियम (B) पेट्रोलियम
(C) चूनापत्थर (D) कोयला
4. निम्न में से कौन जीवाश्म ईंधन है?
(A) कोयला (B) पेट्रोलियम
(C) प्राकृतिक गैस (D) इनमें से सभी
5. कैगा परमाणु विद्युत गृह किस राज्य में स्थित है।
(A) तमिलनाडु (B) कर्नाटक
(C) उत्तर प्रदेश (D) राजस्थान
6. भारत के किस राज्य में सौर ऊर्जा के विकास की सर्वाधिक संभावनाएँ हैं?
(A) असम (B) अरुणाचल प्रदेश
(D) मेघालय (C) राजस्थान
7. भारत में कितने सार्वजनिक क्षेत्र के तेल परिष्करण केंद्र कार्य कर रहे हैं?
(A) 16 (B) 18
(C) 20 (D) 23
8. भारत के प्रथम जल विद्युत संयंत्र की स्थापना कहाँ की गई?
(A) शिवसमुद्रम (B) देहरादून
(C) शिमला (D) दार्जिलिंग
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. ऊर्जा संकट क्या है? शक्ति संसाधनों के संरक्षण की दिशा में लिए गए प्रमुख प्रयास बताइए।
उत्तर—बढ़ती जनसंख्या शहरीकरण और औद्योगीकरण से पृथ्वी पर ऊर्जा के संसाध नों का अभाव हो जाता है। यही स्थिति ऊर्जा संकट कहलाती है।
उत्तर- उत्तर के लिए पृष्ठ संख्या-46, उत्तर संख्या-3 देखें।
शक्ति संसाधनों के संरक्षण की दिशा में लिए गए प्रमुख प्रयास निम्नलिखित है— 1. ऊर्जा के प्रयोग में मितव्ययीता-इसके अंतर्गत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था अधिक से अधिक होनी चाहिए तथा अनावश्यक बिजली के उपयोग पर रोक होनी चाहिए।
2. ऊर्जा की नवीन क्षेत्रों की खोज—इसके अंतर्गत परम्परागत ऊर्जा के नये क्षेत्रों का अन्वेषण किया जा रहा है।
3. ऊर्जा के नवीन वैकल्पिक साधनों का उपयोग—इसके अंतर्गत ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों के उपयोग पर अधिक बल दिया जाना चाहिए।
4. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग—इसके अंतर्गत सभी राष्ट्रों को ऊर्जा संकट समाधान हेतु आम सहमत से नीति निर्धारण करना चाहिए।
कृषि (Agriculture)
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. निम्न में से कौन रोपण फसल का उदाहरण है?
(A) रबड़ (B) चाय
(C) गन्ना (D) इनमें से सभी
2. निम्न में से कौन दलहनी फसल वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण नहीं करती है?
(A) चना (B) मटर
(C) मूँग (D) राजमा
3. भारत में बफर स्टॉक कौन बनाता है?
(A) भारतीय खाद्य निगम
(B) खाद्य एवं कृषि संगठन
(C) संयुक्त राष्ट्र संघ
(D) इनमें से कोई नहीं
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. शस्य गहनता को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – शस्य गहनता को प्रभावित करने वाले दो कारक निम्नलिखित है-
(i) उर्वरक, सिंचाई, उन्नत बीजों का प्रयोग करके तथा
(ii) एक ही कृषि वर्ष में एक ही भूमि में एक से अधिक फसलों को पैदा करके।
2. रवी और खरीफ फसल में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर- रबी फसल की बुआई अक्टूबर-नवम्बर में की जाती है तथा अप्रैल-मई में काट ली जाती है। इसके अंतर्गत गेहूं, चना मटर, सरसों आदि मुख्य फसलें है।
खरीफ की बुआई जून-जुलाई में की जाती है एवं सितंबर-अक्टूबर में काट ली जाती है। इसके अंतर्गत धान, मूँगफली, जूट, कपास आदि मुख्य फसल है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. हरित क्रांति क्या है? भारतीय कृषि पर इसका क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर- हरित क्रांति का अर्थ कृषि क्षेत्र में उन्नत किस्म के संकर बीज, सकारात्मक खाद, सिंचाई, कीटनाशक आदि का व्यापक प्रयोग कर खाद्य उत्पादन में वृद्धि करने से है।
हरित क्रांति का भारतीय कृषि पर व्यापक प्रभाव पड़ा जो निम्नलिखित है-
(i) हरित क्रांति से देश में खाद्यान्न उत्पादन तथा खाद्यान्न गहनता दोनों में तीव्र वृद्धि हुई और भारत अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन सका।
(ii) हरित क्रांति के परिणाम स्वरूप कृषि में नवीन मशीनों जैसे-ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, ट्यूबबेल आदि का प्रयोग किया जाने लगा।
(iii) हरित क्रांति के कारण उन्नत किस्म के बीज, कीटनाशकों, रासायनिक उर्वरकों आदि के मांग में तीव्र वृद्धि हुई । (iv) हरित क्रांति के कारण ही किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न वाणिज्यिक बैंक तथा सहकारी बैंक की स्थापना की गई।